अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता ने मुंगेर विश्वविद्यालय पर शैक्षणिक अराजकता, भ्रष्टाचार को लेकर दिया आंदोलन की चेतावनी

 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता ने मुंगेर विश्वविद्यालय पर शैक्षणिक अराजकता, भ्रष्टाचार को लेकर दिया आंदोलन की चेतावनी





शेखपुरा।। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शेखपुरा के द्वारा मुंगेर विश्वविद्यालय में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता,भ्रष्टाचार एवं विभिन्न मुद्दों के विरोध में बड़े आंदोलन को लेकर नगर उपाध्यक्ष राहुल कुमार की अध्यक्षता में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया जिसमें जिला संयोजक आकाश कश्यप ने बताया कि भागलपुर विश्वविद्यालय से अलग करके सन् 2018 में मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना की गई लेकिन तब से मुंगेर विश्वविद्यालय अपने कामों की वजह से कम और कारनामों की वजह से ज्यादा चर्चा में रहता है विश्वविद्यालय अपना तीन काम "प्रवेश परीक्षा और परिणाम" भी सही ढंग से नहीं करवा पा रहा है ना तो सही तरीके से विद्यार्थियों का नामांकन होता है, ना ही समय पर परीक्षा होती है और परीक्षा होने के बाद भी तय समय सीमा के अंदर रिजल्ट प्रकाशित नहीं किया जाता है और अगर प्रकाशित भी होता है तो वह त्रुटिपूर्ण रहता है जिससे नौकरी की तैयारी करने वाले विद्यार्थी फॉर्म भरने से भी महरूम रह जाते हैं और मानसिक रूप से प्रताड़ित होते रहते हैं।

वहीं रोहित कुमार ने बताया की मुंगेर विश्वविद्यालय के लगभग सभी सरकारी व गैर सरकारी महाविद्यालयों में भ्रष्टाचार एवं शैक्षणिक अराजकता व्याप्त है और आए दिन गैर सरकारी महाविद्यालयों में छात्रों का आर्थिक शोषण व दोहन किया जाता है। महाविद्यालयों के अध्यापकों द्वारा अवैध वसूली की जाती है विगत 09 जुलाई को आर लाल कॉलेज,लखीसराय में भी वहां के रसायन विभाग के प्राध्यापक प्रभात रंजन के द्वारा अवैध वसूली की जा रही थी जिसका विरोध विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक मनीष यदुवंशी के द्वारा किया गया तो अध्यापक उनके साथ धक्का-मुक्की करते हुए अभद्र और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए धमकी दिए। इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को जब अवगत कराया गया तो अभी तक उस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे कुकृत्य करने वाले प्राध्यापकों पर विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? क्या इस अवैध वसूली में विश्वविद्यालय प्रशासन की भी हिस्सेदारी है या विश्वविद्यालय प्रशासन किसी के दबाव में है, इस पूरे मामले के पर्दे के पीछे कौन है विश्वविद्यालय प्रशासन को यह स्पष्ट करना चाहिए और जल्द से जल्द वैसे पर अध्यापकों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

वही नगर मंत्री चंदन कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जब भी किसी सत्र के विद्यार्थियों का रिजल्ट दिया जाता है तो उस में व्याप्त त्रुटियां रहती है। कल भी स्नातकोत्तर सत्र 18-20 और 19-21 के परीक्षार्थियों का रिजल्ट प्रकाशित किया गया जिसमें लगभग सभी छात्रों का रिजल्ट में गलतियां हैं। किसी छात्र का कुल योग गलत है तो किसी का संकाय गलत प्रकाशित कर रिजल्ट में दिया गया। अब ऐसे विद्यार्थी विश्वविद्यालयों के चक्कर लगाएंगे तब जाकर रिजल्ट में सुधार होगा आखिर विश्वविद्यालय प्रशासन का परीक्षा विभाग बार-बार ऐसी गलती क्यों कर रहा है जिससे कि छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सृष्टि सृजन ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अतिथि शिक्षक चयन प्रक्रिया में जिस भी व्यक्तियों को रखा गया है वो अपने मापदंड पर खड़े नहीं उतरते हैं उन्हें चयन प्रक्रिया में रखना बिल्कुल गलत है तो दूसरी तरफ विश्वविद्यालय का शैक्षणिक व स्पोर्ट्स कैलेंडर आज तक जारी नहीं हुई है जिस वजह से सभी सत्र विलंब से चल रहे हैं।

सभी कार्यकर्ताओं ने कहा कि इन सभी मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान नहीं निकला तो फिर अभाविप पूरे विश्वविद्यालय में बड़ा आंदोलन करेंगे।

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